आइये जाने गन्ने के खेत में कोराजन के प्रयोग का सही तरीका 1.कोराजन का प्रयोग करते समय हाथो में दस्ताने मुह पर मास्क चस्मा सर पर टोपी जरुर पहने एक एकड़ खेत में कोराजन के प्रयोग के लिये एक खाली बाल्टी ले और उसमे 27 मग पानी भरे पानी साफ होना चाहिए अब कोराजन के 150 मिली लीटर का पैक खोले और उसे मग में सावधानी से डाल दे अब 150 मि 0 ली 0 कोराजन को उस बाल्टी में डाले जिसमे 27 मग पानी है उसे पानी में अच्छे से घोल ले ताकि मग में पूरी दवा पानी में मिल जाये इस घोल को डंडी से चला ले अब अपने स्प्रे पम्प को आधा पानी से भरे अब आधा भरने के बाद एक मग कोराजन का घोल बाल्टी से नि...
भूमि का चुनाव एवं तैयारी बोने का समय जातियाँ बीज की मात्रा एवं बोने की विधि अन्तवर्तीय फसल उर्वरक निंदाई गुड़ाई मिट्टी चढ़ाना सिंचाई बंधाई पौध संरक्षण गन्ने की पेंड़ी अधिक लाभकारी किस्में मुख्य फसल की कटाई खेत की सफाई कटी सतह पर उपचार खाली जगह भरना गरेड़ो को तोड़े पर्याप्त खाद दें सूखी पत्तियां बिछायें भूमि का चुनाव एवं तैयारी गन्ने के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है । ग्रीष्म में मिट्टी पलटने वाले हल सें दो बार आड़ी व खड़ी जुताई करें । अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में बखर से जुताई कर मिट्टी भुरभुरी कर लें तथा पाटा चलाकर समतल कर लें । रिजर की सहायता से 3 फुट की दूरी पर नालियां बना लें। परंतु वसंतु ऋतु में लगाये जाने वाले ( फरवरी - मार्च) गन्ने के लिए नालियों का अंतर 2 फुट रखें । अंतिम बखरनी के समय भूमि को लिंडेन 2% पूर्ण 10 किलो प्रति एकड़ से उपचारित अवश्य करें। बोने का समय गन्ने की अधिक पैदावार लेने के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर - नवम्बर है । बसंत कालीन गन्ना फरवरी-मार्च में लगाना चाहिए । जातियाँ गन्ने की उन्नत जांतियां निम्ना...
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